Friday, February 4, 2011

ये ख़ास दिन

यों ही गुज़र
आज का दिन गया
आज का दिन
प्यार का गीत लिखा
न ही उदासी की

न ही डूबते सूरज की
फोटो खींची
न ही झुर्रियोंदार चेहरे की
तस्वीर बनाई

न ही हिना वाले
हाथों को छुआ
न ही चूड़ी वाली
कलाई को चूमा

न ही पनीली
आंखों में झांका
न ही दर्दीली
आवाज़ को आंका

जाने किस खाई में
उतर गया दिन
किरच-किरच जैसे
बिखर गया दिन

यों ही गुज़र गया
आज का दिन।

ये ख़ास दिन


ये ख़ास दिन
ये ख़ास दिन है प्रेमियों का,
प्यार की बातें करो
कुछ तुम कहो कुछ वो कहें,
इज़हार की बातें करो
जब दो दिलों की धड़कनें
इक गीत-सा गाने लगें
आँखों में आँखें डाल कर
इक़रार की बातें करो
ये कीमती-सा हार जो
लाए हो वो रख दो कहीं
बाहें गले में डाल कर,
इस हार की बातें करो
जिसके लबों की मुस्कुराहट
ने बदल दी ज़िंदगी
उस गुलबदन के होंट औ
रुखसार की बातें करो
अब भूल जाओ हर जफ़ा,
ये प्यार का दस्तूर है
राहे-मुहब्बत में वफ़ा-ए-
यार की बातें करो