Friday, February 4, 2011

ये ख़ास दिन

यों ही गुज़र
आज का दिन गया
आज का दिन
प्यार का गीत लिखा
न ही उदासी की

न ही डूबते सूरज की
फोटो खींची
न ही झुर्रियोंदार चेहरे की
तस्वीर बनाई

न ही हिना वाले
हाथों को छुआ
न ही चूड़ी वाली
कलाई को चूमा

न ही पनीली
आंखों में झांका
न ही दर्दीली
आवाज़ को आंका

जाने किस खाई में
उतर गया दिन
किरच-किरच जैसे
बिखर गया दिन

यों ही गुज़र गया
आज का दिन।

3 comments:

  1. बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति !
    शुभकामनायें !

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  2. bahut hi umda rachna.. badhaai..
    Nav-Varsh ki shubhkamnayein..
    Please visit my Tech News Time Website, and share your views..Thank you

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